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    Monday 12 December 2016

    स्टूडेंट्स और प्रेम की समझ ( students understanding and love) विधार्थी जीवन और प्यार ( Students life and love)

                          
     विधार्थी जीवन और प्यार ( Students life and love)


    प्रेम - यह दुनिया का सबसे चर्चित शब्द है , और शायद सबसे अधिक विवादस्पद भी | जाहिर
    है कि अगर फ़ैल  जाये . तो व्यकित्व को फैला देगा और सिकुड़ जाए , तो उसे छोटा बना देगा |
                     मित्रो आज मै आप को बताऊंगा  कि  एक student को प्रेम किस रूप में लेना चाहिए प्रेम करने का सही तरीका क्या है |
                    मेरे मित्रो , आप सभी जिस उम्र में है , उस उम्र में आपके मन में प्रेम का भाव पैदा होना ही चाहिए | बहुत से लड़के ; विशेषकर   लड़कियां  अपने अन्दर इस  भाव को पैदा होने पर अपराध बोध से ग्रसित हो जाती है | उन्हें लगता है की उनसे कोई पाप कर्म हो रहा है |
                    आप खुद बताये और ईमानदारी के साथ बताये की क्या सचमुच यह आपके हाथ में है की आप के अन्दर प्रेम की भावना पैदा न हो ?
    तो आपका जबाब होगा नही |
                    प्रेम का भावना पैदा होना ही चाहिए यह प्रकृति की  देन है | अपराध बोध तो तब होना चाहिए | जब इस तरह का कोई भाव जागे ही नही | यह हार्मोन्स की देंन  है |  और हार्मोन्स हमे Opposite सेक्स के प्रति आकर्षित करते है | इसमें आप कुछ नही कर सकते |
    हाँ यह जरुर आपके उपर है की प्रेम का भाव आपके अंदर पैदा हुआ है उसे आप कैसा रूप देते है | 
    उसी पर आप का अधिकार है | और अब मै आता हूँ  इसके दुसरे बिंदु पर और वो है |
     ""प्रेम न करने से अच्छा है उसे पा कर खो देना ''' 
    और आज मै  खुलेआम घोषणा  करता हूँ की प्रेम किया ही जाना चाहिए  | प्रेम किसी से मिलने से
     नही हो जाता है  | हर कोई प्रेम करता है , और करना ही चाहिए | और बेहतर होगा की
    प्यार मिल जाए | यह आप की सफलता की निशानी  है | प्रेम को पाने से आप का आत्म विश्वास
     बढ़ जाता है| और अपने अन्दर सकारात्मक विचार पैदा होने लगता है |
                       तीसरी  स्थिति जो हमारे सामने आती है वह यह की प्रेम खो जाए | इस स्थिति को लोग बुरा मानते  हैं ,  लेकिन मै नही | यह स्थिति युवाओं  को देवदास बना देती है | उन्हें लगता है कि  अब सब कुछ खो गया | उनका आत्म विश्वास  काँच की गिलास ,की तरह सीमेंट की फ़र्स पर गिर कर चकनाचूर हो जाता है | उन्हें लगता है की मै इस लायक भी नही था | वे किसी लडकी के द्वारा सवयं  को रिजेक्ट कर दिया जाना मानने लगते है| इससे उनका ब्यक्तित्व सिकुड़ जाता है | उसमे दरारे पड़ जाती है | उनकी सारी कोमलता और चिकनाहट गायब हो जाती है | उनका चेहरा उतर जाता है  | रात की नींद उड़ जाती है | वे हतास के सागर में डूब जाते है | और बाद में कभी -कभी सुनने में यहाँ तक आता है की ' की वह इस  दुनिया से ही चुक कर गया | 
                      लेकीन मै  प्रेम को न पाना एक सकारात्मक रूप में लेता हूँ | प्रेम में बल्कि मरने की नही जिलाने की क्षमता  है | प्रेम हमारे जिंदगी और हमे बहुत उचाई पर पहुँचा सकता है | यहाँ तक की हमारी जिंदगी के लिए एक अच्छा - खासा सुन्दर मकसद भी तैयार कर सकता है | इसलिए प्रेम को पाने से बेहतर है उसे खो देना |
                    सच्चा प्रेम आप को उर्जा प्रदान करता है | नस -नस में ऐसा  उतेजना भर देता है की 
    आप अद्भुत रूप से शक्तिमान हो उठते है फिर उस काम में लग जाते है . जो आप के प्यार को  
    सदियों - सदियों तक याद रख सके जिन्दा रख सके | 
                   सच तो यह है की हम किसी दुसरे से प्यार करते ही नही है | हम प्रेम करते है अपने आप से | और वो कैसे .-- जब हम किसी और से प्रेम करते है तो हमें उससे आशा होती है की वो भी हम से प्रेम करेगा |
    तो हो गया अपने आप से प्यार करना | यहाँ पर आप अपने आप से कल्पना कर के जरुर देखे |
    उसी प्रकार जब कोई हम से प्रेम करता है तो आमतौर पर हम भी उससे प्रेम करने लगते  है | 
                     प्यार में आप सफल नही हुये तो आप क्या करेंगे ? क्योकि 95 % सम्भावना यही रहती है की आप असफल होंगे | क्यों की ये भारतीय संस्कृति है | अब सवाल यह है की आप अपने असफलता को सफलता में कैसे बदलेंगे ?
                    मेरा एक दोस्त था  जो मेरे साथ पढता था | वह पतला दुबला और सावले  रंग का था | 20 साल की उम्र में ही  उसकी आखोँ  पर बहुत अधिक  पावर का चस्मा  चढ़ा था | और वो पढने में ले दे  कर  पास होने वाला था |  कूछ  ऐसा  हुआ की वो अपने ही क्लास के एक लड़की को अपना दिल दे बैठा  | जो सुन्दरता की  दृष्टि  से चार हजार विधार्थी वाले कालेज में  '' कालेज  सुंदरी '' थी | हलांकि  मेरे दोस्त ने मन ही मन अपना दिल तो दे बैठा था | एक ही क्लास में बैठने  से मेरे दोस्त को बात चित करने का मौका अन्य  मजनुओं  से ज्यादा मिल गया | नोट्स  लेने और देने की वजह से  उसका विस्तार उसके घर तक आना जाना हो गया | मेरा यह दोस्त बेचारा उसे बहुत चाहता था | लेकिन मुस्किल यह आ रही थी की उसे इस बात का कोई सबूत नही मिल पार रहा था की वह भी  उसे  चाहती  है | उसने एक उपाय निकला | उपाय यह था की उसने जमकर पढाई करना  शुरू  कर दी  |वह खूब पढने लगा | 3rd division का  record बनाने वाला मेरा यह दोस्त   1st division से पास हो गया | इसके बाद क्या हुआ| वो लड़की मिली की नही मै  नही जनता | पर मै  इतना जरुर जानता हूँ की  मेरे  इस दोस्त को एक  बहुत अच्छा job मिल गई | क्योकि उसने  Bsc अच्छे अंक के साथ पास किया था |||

     प्रेम का अर्थ पाना नही होता है -- बल्कि यह होता है की प्रेम का अर्थ होता है स्वयं को खोना और यह एक ऐसा  विचित्र समीकर है ,  जहा आप स्वयं को खोकर ही स्वयं को पाते है | इसलिए खोने का मातम नही ,
     बल्कि खोने का उत्सव मनाना चाहिए |
     यदि प्रेम आप के अंदर हताश ला  रहा है तो  तुरंत सतर्क हो जाये | इसका मतलब है की आपके प्रेम में कुछ         खोट है | यदि आप इसे तुरंत दुरुस्त नही करेंगे, तो घुन बन कर यह आप के व्यक्तित्व को अंदर ही अंदर           से खोखला कर देगा |
    प्रेम को एक उर्जा के रूप में ले |यह यह आप को कर्म में लगाने वाला होना चाहिए | रात में बिस्तर में करवटे बदलने वाला नही | यह आप के नींद उड़ाने वाला नही , बल्कि गहरी नींद दिलाने वाला होना चाहिए | तभी आप का व्यक्तित्व सुधर सकेगा|
    प्रेम प्रेरित करता है | --- यह आप को धक्का मार कर गिरता नही , बल्कि आगे की ओर धकेलता है |  इसके धक्के से आप आगे की ओर बढ़ते-बढ़ते आप वहा पहुच जाते है, जहाँ पहुचने की कल्पना तक नही की थी ||||
                                                                                     
                             ''''''' गर चाहते हो जिन्दा रखना अपने इश्क को मेरे यार ''''''''''                                                                                ''''''''' तो दफन कर दो उसे हमेशा - हमेशा के लिए ''''''''
                   By-- AJEET SINGH
                           PETRO-CHEMICAL ENGG
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                         KUSHINAGAR , INDIA 


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